राधा टेकम – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार

राधा टेकम ने अपने पति रमेश टेकम से चित्रकला सीखी। बचपन में वह परंपरागत डिजाइन डिगना में दक्ष थी, जिससे उनके घर की दीवारों को अलंकृत किया जाता था। जब वह कागज तथा कैनवास पर पेंट करने लगी तो उन्‍होंने अपने को प्रकृति से पुन: जुड़ते हुए पाया। उन्‍हें कुछ हरियाली पसंद है। किंतु भोपाल शहर के जिस इलाके में वह अब रहती हैं , वहां यह अत्‍यल्‍प है। अत: राधा अपने कैनवासों पर पक्षियों, पशुओं और वृक्षों को जीवंत करती हैं । इससे वह अपने गांव भूसंडा से जुड़ाव महसूस करती हैं जहां वह बड़ी हुई थीं।

कैनवास पर एक्रिलिक – 2’ X 5’, विषय: पक्षियां अपने बच्‍चों की रक्षा करते हुए 

कागज पर स्‍याही– 22” X 28”,  विषय: दलदल के हिरण की सींगों से उगते हुए वृक्ष 

राधा और रमेश टेकम प्रतिवर्ष अपने पुत्रों अमन और आशीष को अपने गांव वापस ले जाते हैं ताकि वे अपनी जड़ों के नजदीक रह सकें। लड़के अपने माता-पिता द्वारा चित्रित पशुओं को पहचान सकते हैं और जब वे अपने गांव जाते हैं तो उन्‍हें सजीव रूप में देखकर रोमांचित हो उठते हैं।

कागज पर स्‍याही– 22” X 28”, विषय: वृक्ष