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राम सिंह उरवेटी – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार
वीडियो क्लिप – लीलर कोटी | वृक्षों पर राम सिंह
जब राम सिंह उरवेटी ने पहली बार कैनवास पर पेंटिंग की तो उनके रंग छलक गए और फैल गए और वह एकदम से उसके सामने से हट गए और उन्हें बहुत शर्मिंदगी महसूस ही। किंतु जंगढ श्याम की माता ने उन्हें यह कह कर दिलासा दी कि : ‘‘जिस तरह से रंग कैनवास पर फैल गया है, उसी तरह से तुम्हारी कलाकृति विश्वभर में फैलेगी।’’
“उनका आशीर्वाद इतना सच साबित हुआ।’’ राम सिंह याद करते हैं कि ‘‘छह माह के भीतर ही ‘मेरा नाम ललित अकादमी की 41वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में शामिल था।’’ यह 1998 की बात है। उसके बाद उन्हें उज्जैन, मध्य प्रदेश में 2001 का कालीदास पुरस्कार तथा 1998 के जनजातीय कला के लिए दक्षिण-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र अवार्ड सहित अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। उनकी पुस्तक ‘‘द नाइट लाईफ आफ ट्रीज, तारा पब्लिशिंग, चेन्नई, जो दुर्गाबाई तथा भज्जू श्याम के साथ सहयोगात्मक प्रयास है, को इटली का प्रतिष्ठित बोलोग्नाराग्ज्जी पुरस्कार प्राप्त हुआ। राम सिंह ने प्रतिष्ठित दीर्घाओं में अपनी कलाकृति को प्रदर्शित करते हुए भारत भर की तथा विदेश की भी यात्रा की है।
कैनवास पर एक्रिलिक 3’x5′ विषय: गोंड देवकुल
राम सिंह उरवेटी विगत 17 वर्षों से आईजीआरएमएस में कार्य करते आ रहे हैं। राम सिंह को उनकी कला की शिक्षा उनकी पत्नी तरूपा के चाचा जंगढ सिंह श्याम से मिली। जब राम सिंह और सतरूपा 1992 में भोपाल आए तो वे जंगढ श्याम के साथ पांच वर्षों तक रहे।
राम सिंह उरवेटी का पहला प्यार वृक्ष है जो करीब-करीब प्रत्येक पेंटिंग में कई रूपों में प्रदर्शित होता है। उनकी एक पेंटिंग में दलदल में एक हिरण के सींग बढ़कर वृक्ष बन जाते हैं। उनका वृक्षों से संबंधित एक फोल्डर आदिवासी लोक कला अकादमी, भोपाल द्वारा प्रकाशित किया गया है।
राम सिंह उरवेटी की पत्नी सतरूपा उरवेटी ने चित्रकारी कुछ अनिच्छापूर्वक शुरू की। उन्हें डर था कि उनसे कागज खराब हो जाएगा। किंतु जंगढ सिंह श्याम तथा अपने पति से प्रोत्साहन पा कर उनमें धीरे-धीरे आत्मविश्वास आया। अब वह एक योग्य कलाकार हैं। उनकी पसंदीदा विषय-वस्तुएं पशु, पक्षियां तथा वृक्ष हैं।
उनके दो बच्चे रणजीता तथा सुशील उरवेटी ने पहले ही चित्रकारी शुरू कर दी है। उनकी विषय-वस्तुएं प्रकृति तथा ग्रामीण जीवन से ली गई हैं। रणजीता को चमकदार रंग पसंद है जबकि सुशील अधिकांशत: स्याही से चित्र बनाते हैं। सुशील जो कक्षा VIII में है, कंप्यूटर इंजीनियर तथा पेंटर बनना चाहते हैं।
कैनवास पर एक्रिलिक 3’x5′ विषय: बड़ा देव
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