रवि टेकम – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार

रवि टेकम का जन्‍म एवं पालन-पोषण भोपाल में हुआ था। किंतु उन्‍हें पतनगढ़ तथा सोनपुरी गांवों से प्रेरणा मिली है। उनकी विषय-वस्‍तुएं हमेशा से ग्रामीण हैं। उनकी रचना में बारंबार आने वाली एक विषय-वस्‍तु काम करता हुआ एक किसान है। जब उनके पिता नर्मदा प्रसाद टेकम उनके ग्रामीण पालन-पोषण के बारे में बात करते हैं तो वह मंत्रमुग्‍ध होकर सुनते हैं जैसे वह अपनी माता रामबाई की एक सामान्‍य लोककथा को मंत्रमुग्‍ध हो कर सुनते थे। ये उनकी प्रेरणा के स्रोत हैं।

कागज पर एक्रिलिक – 11” X 14”, विषय: कृषक दंपत्ति काम पर जाते हुए

रवि टेकम की कल्‍पनाशक्ति सुस्‍पष्‍ट है और उनकी चित्रकारी उनकी कल्‍पना की उड़ान को मुक्‍त प्रबलता प्रदान करती है-जैसे कि सर्प के रूप में बढ़ती हुई-हाथी की सूंड़ नेत्र को उद्दीप्‍त करते हुए तथा मस्तिष्‍क को सबल बनाते हुए। वह दिल्‍ली के राष्‍ट्रीय संग्रहालय में बच्‍चों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करते रहे हैं, उन्‍होंने बच्‍चों तथा शिक्षकों को गोंड चित्रकारी सिखाई है।

कागज पर एक्रिलिक – 11” X 14”,विषय: परधान बान बजाते हुए जब वह गा रहे हैं 

कागज पर स्‍याही  – 11” X 14”,विषय: हाथी की सूंड एक सर्प में परिणत हो गई है