मयंक कुमार श्‍याम – मध्य प्रदेश के गोंड कलाकार

पेंटिंग्स देखें

वीडियो क्लिप –  मयंक कुमार श्‍यामबाइगा गांव से प्राप्त चित्र

जंगढ सिंह श्‍याम के पुत्र मयंक कुमार श्‍याम ने कला जगत में खुद के लिए एक मुकाम पहले ही बना लिया है। इक्‍कीस वर्षीय मयंक को रविंद्रनाथ टैगोर, परमजीत तथा अर्पिता सिंह, जैमिनी राय और अन्‍य समकालीन कलाकारों के साथ ‘फ्रीडम’ सिक्‍सटी ईयर्स आफ्टर इंडियन इंडीपेंडेंस (आर्ट एंड हेरिटेज फाउंडेशन 2007 द्वारा प्रकाशित) पुस्‍तक में स्थान दिया गया है। उन्‍हें महाशिल्‍प, शख्सियत तथा बुनकरों के लिए राज्‍य पुरस्‍कार (2005-2006) प्राप्‍त हुआ था।

मयंक की विषय वस्तुओं में एक विषय वस्तु है आधुनिक नगर जिसे वह अपनी विशिष्‍ट शैली में गोंडी विशेषता से सराबोर करते हुए चित्रित करते हैं। उन्‍होंने पक्षियों को बनाने का एक विशिष्‍ट तरीका विकसित किया जिसे ‘‘मयंक का पक्षी’’ कहा जा सकता है। वह अधिकांशत: काले रंग का ही  इस्‍तेमाल करते हैं क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि अनेक रंगों से दर्शकों का ध्‍यान खींचना आसान है किंतु केवल काले रंग से ऐसा करना अधिक चुनौतीपूर्ण है।

मयंक श्‍याम की एक अन्‍य विषय-वस्‍तु बाइगा समुदाय है जो प्राकृतिक दुनिया के बारे में उनकी जानकारी, भौतिक जगत के बारे में उनकी निर्लिप्तता, उनके गानों और नृत्यों से उन्‍हें चुंबक की तरह  अपनी ओर आकर्षित करती  है। मयंक बाइगा गोंड की एक शाखा पर अनेक चित्र बना रहे हैं।