संतोषी टेकम – मध्य प्रदेश की गोंड कलाकार

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कागज पर एक्रिलिक – 11” X 14”, विषय: बाघ लड़ते हुए 

संतोषी टेकम ने छह वर्ष की आयु में चित्र बनाना शुरू किया। हर रविवार की दोपहर वह अपने माता-पिता, नर्मदा टेकम तथा रामबाई के बीच बैठती थीं  और पशुओं तथा वृक्षों के चित्र बनाती थीं जिनकी तुलना वह अपने माता-पिता के चित्रों से करती थीं। उनकी रचना की मुख्‍य विषय-वस्‍तु अपने सभी स्‍वरूपों में प्रकृति है। बाघों तथा मगरमच्‍छों की चित्रों में बहुलता है। कुछ धार्मिक आनुष्‍ठानों ने भी उन्‍हें प्रभावित किया जैसे कि मौनी उपवास जिसमें वह व्‍यक्ति जो व्रत करता हो,उसे कौवे की तरह अवश्‍य ही पूर्णतया मौन होना होगा और गाय के नीचे से सात बार गुजरना होगा। संतोषी ने गांव में संपन्न किए जा रहे धार्मिक अनुष्‍ठान को एक बार देखा वह आकर्षित हो गई। उसके बाद से यह उनकी चित्रकारी की एक अन्‍य पुनरावृत्‍त विषय-वस्‍तु बन गई है।

कागज पर एक्रिलिक – 11” X 14”, विषय: मौनी उपवास-एक धार्मिक कृत्‍य जिसमें व्रत रखनेवाला कौवे की तरह मौन धारण करता है तथा गाय के नीचे से सात बार रेंगकर जाता है।

कागज पर एक्रिलिक – 11” X 14”, विषय: मगरमच्‍छ